दिल्ली में बीजेपी को नुकसान हो सकता है

BJP may be damaged in Delhi

News Agency : इस बार दिल्ली में लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन और विरोध के बीच है। इसका भाजपा को फायदा है तो नुकसान भी है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा के लिए बड़ी चिंता मुस्लिम वोटों को लेकर है। उनका मानना है कि मुस्लिम वोट एकतरफा गया तो भाजपा को नुकसान हो सकता है। उधर, कांग्रेस का भी मत फीसद बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं।हालांकि, आम आदमी पार्टी का दावा है कि मुस्लिम एकतरफा उनके साथ हैं और वह सातों सीटें जीत रही है। बता दें कि दिल्ली में कुल मतदाता एक करोड़ forty three लाख से अधिक हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, दिल्ली में मुस्लिम वोट thirteen फीसद हैं। विश्लेषकों की मानें तो जमीनी हकीकत में यह फीसद वर्तमान में seventeen तक पहुंच चुका है। मुस्लिम इलाकों में बड़े स्तर पर मतदान हुआ है। मौजपुर के बूथ नंबर fifty three पर अधिकतर हिंदू मतदाता हैं। इस बूथ पर 1044 वोट थे, जिनमें से 706 वोट पड़े, यानी 67.62 फीसद वोट पड़े। इस मतदान को आसपास के हिंदू इलाकों के अच्छे फीसद वाले मतदान केंद्रों में माना जा रहा है। इसका अगला बूथ fifty four था, जिसमें कुल 1192 वोट थे। इसमें से 900 वोट पड़े। यानी कुल मतदान seventy five.5 फीसद रहा। इस बूथ पर अधिकतर मुस्लिम वोट हैं। यह केवल एक इलाके की स्थिति नहीं है, दिल्ली भर की यही स्थिति मानी जा रही है. दिल्ली में ऊंट किस करवट बैठता है वह तो twenty three मई को ही पता चलेगा, लेकिन मतदान फीसद को देखकर कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा अपने मतदाताओं को पूरी तरह से घर से निकालकर मतदान केंद्र तक पहुंचा पाने में सफल नहीं हुई है। ऐसे में दूसरा बड़ा सवाल यह है कि क्या दिल्ली में मुस्लिम मतों का विभाजन हुआ है। कांग्रेस द्वारा AAP के साथ गठबंधन से इनकार किए जाने और शीला दीक्षित जैसे प्रत्याशी कांग्रेस द्वारा उतार दिए जाने के बाद दोनों दल मुस्लिम समुदाय को अपने साथ जोड़े रखने की भरपूर कोशिश में जुटे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कुछ सीटों पर आप तो कुछ पर कांग्रेस भाजपा को टक्कर दे रही है। मुस्लिम मतों का रुख जिधर गया है, उस प्रत्याशी को इसका लाभ मिलेगा। बहरहाल, स्थिति तो मतगणना के बाद ही साफ होगी।

Related posts

Leave a Comment